हनुमानजी की पूजा से सभी प्रकार का सुख प्राप्त होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कुंडली में स्थित ग्रहों के कारण अशुभ फल प्राप्त हो रहे हैं तो इसके लिए भी हनुमानजी की पूजा करना शुभ रहता है।

                                          

हनुमान जयंती (25 अप्रैल, गुरुवार) के शुभ अवसर पर जानिए हनुमानजी की पूजा करने से किन-किन ग्रहों के दोष से मुक्ति मिलती है-

सूर्य: हनुमानजी के गुरु सूर्य देव हैं। उन्होंने सूर्य देवता से ही शिक्षा ग्रहण की थी। सूर्य देव के मित्र चंद्र, मंगल, बुध व गुरु हैं। ऐसे में हनुमत उपासना से सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध व गुरु ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति मिलती है।हनुमानजी के जन्म के समय भी सूर्य उच्च राशि मेष में थे।

शनि: सूर्य के पुत्र हैं शनि। शनिदेव ने अहंकारवश हनुमानजी को युद्ध के लिए बाध्य किया था। हनुमानजी ने अपनी पूंछ में बांधकर शनि को संपूर्ण रामसेतु की परिक्रमा करा दी थी। शनि का शरीर रक्त रंजित हो गया था।
विनती करने पर हनुमानजी ने शनि को इस शर्त पर छोड़ा कि मेरी आराधना करने वाले भक्तों को आप कष्ट नहीं देंगे। रक्त रंजित शरीर पर शनि ने तेल लगाकर शांति पाई। इसीलिए आज भी शनि से पीडि़त लोग उन्हें तेल अर्पण करते हैं।

राहु-केतु: दोनों छाया ग्रह क्रूर हैं। हनुमानजी के डर से राहु भागकर इंद्रदेव के पास चला गया था। हनुमानजी की भक्ति करने से राहु-केतु जनित कष्टों से मुक्ति मिलती है।

शुक्र : हनुमानजी महान संगीतज्ञ, शृंगार प्रिय और विनोदी हैं। अत: उनका शृंगार करने और संगीतमयी गुणगान करने से वे जल्द प्रसन्न होते हैं। इस प्रकार हनुमानजी की उपासना करने से नवग्रह की उपासना भी हो जाती है। समस्त ग्रह जन्य दोष स्वत: समाप्त हो जाते हैं। 


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